नई दिल्ली : डिजिटलीकरण से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों को समझने के लिए विकास अध्ययन संस्थान जयपुर, भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय और विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली के संयुक्त तत्वाधान में 24 मई 2023 को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। ये कार्यशाला वाई20 के लिए आयोजित की गयी जो की जी20 के अंतर्गत एक समूह है। कार्याशाला में दो विषयों पर सत्र का आयोजन किया गया था जिसमे उद्योग 4.0, नवाचार एंव उद्यमिता और हस्तशिल्प क्षेत्र में नवाचार विषय शामिल था।
यह भी पढ़ें : तेल, गैस CPSEs FY25 में लगातार पांचवे साल IEBR कैपेक्स को पार करने के लिए तैयार'उद्योग 4.0, नवाचार और उद्यमिता' विषय पर सत्र की अध्यक्षता करते हुए, भारतीय प्रबंधन संस्थान इलाहाबाद के प्रोफेसर, डॉ. राकेश बसंत, ने बताया कि अनुसंधान एवं विकास में बेहतर परिणामों के लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी आवश्यक है। साथ ही उन्होने कहा कि नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए विश्वविद्यालयों में इनक्यूबेशन केंद्रों को स्थापित करना चाहिए। हैलो इंग्लिश के सह-संस्थापक निशांत ने सुझाव दिया कि सरकार को इस संबंध में स्टार्ट-अप की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन शुरू करने पर विचार करना चाहिए। सेंटर फॉर इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप के सीईओ चिंतन बख्शी ने इस चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि स्टार्ट-अप को बढावा देने के लिए विशेषज्ञों का भी सहयोग लेना चाहिए। सीआईआईई की उपाध्यक्ष (कार्यक्रम) सुश्री पल्लवी टाक ने इस सत्र की अध्यक्षता करते हुए हस्तशिल्प क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
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