नोएडा अथॉरिटी ने उत्तर प्रदेश सरकार की 21 दिसंबर 2023 को जारी पॉलिसी के तहत अब तक रु 533.91 करोड़ की वसूली की है। यह रकम 27 रुकी हुई हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में 3,620 फ्लैट्स की रजिस्ट्री करवाकर प्राप्त हुई है। इन फ्लैट्स में से 2,726 की रजिस्ट्री सफलतापूर्वक कर दी गई है, जिससे हजारों फ्लैट खरीदारों को उनके घरों का कानूनी मालिकाना हक मिल सका है।
नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम. ने बताया कि सभी बिल्डरों को बाकी बचे फ्लैट्स की भी जल्द से जल्द रजिस्ट्री पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, खरीदारों को रजिस्ट्री के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी कहा गया है।
यह पॉलिसी उन डेवलपर्स के लिए लाई गई है जिनके प्रोजेक्ट कोविड महामारी या नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के प्रतिबंधों की वजह से अटके हुए थे। इस योजना के तहत, बिल्डर्स को पहले कोविड से संबंधित ब्याज की छूट लेनी होगी और बकाया रकम का भुगतान करना होगा, तभी वे NGT से संबंधित छूट का लाभ ले सकेंगे।
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वसूली की गई कुल राशि में से ₹502 करोड़ कुछ प्रोजेक्ट्स के बिल्डर्स ने पूरा भुगतान कर दिया है, जबकि 24 अन्य बिल्डर्स ने ₹31.91 करोड़ का आंशिक भुगतान किया है। 14 बिल्डर्स ने अभी केवल 25 प्रतिशत रकम ही दी है और शेष भुगतान बाकी है।
पॉलिसी के तहत कुल 57 प्रोजेक्ट्स शामिल हैं, जिनमें से 6 प्रोजेक्ट्स में पूरा बकाया चुकाया गया और ब्याज माफी दी गई। 27 प्रोजेक्ट्स को 25 प्रतिशत बकाया भुगतान के बाद रजिस्ट्री की अनुमति मिली है। 14 प्रोजेक्ट्स में आंशिक भुगतान हुआ है, जबकि 4 बिल्डर्स ने सहमति दी है लेकिन भुगतान नहीं किया, और 6 बिल्डर्स ने ना सहमति दी और ना ही कोई भुगतान किया।
नोएडा अथॉरिटी डेवलपर्स से समय पर भुगतान करने के लिए कह रही है ताकि खरीदारों को जल्द रजिस्ट्री मिल सके। क्रेडाई के सचिव दिनेश गुप्ता ने कहा, "हम बिल्डर्स से आग्रह कर रहे हैं कि वे इस पॉलिसी का लाभ लें ताकि होमबायर्स की समस्याओं का जल्द समाधान हो।"
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अथॉरिटी ने यह भी बताया कि होमबायर्स बिल्डर्स से जानकारी लेकर यह पता लगा सकते हैं कि उनका फ्लैट रजिस्ट्री के लिए पात्र है या नहीं।
यह योजना नोएडा के हजारों रुके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के समाधान के लिए लाई गई है, जिनमें खरीदार अब तक ना तो कब्जा पा सके थे और ना ही रजिस्ट्री।
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