भारतीय महिला हॉकी टीम ने पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है, और हर बार टीम के आक्रमण की धड़कन नवनीत कौर रही हैं। टोक्यो ओलंपिक के बाद रानी रामपाल युग के धीमे होते ही, नवनीत – जो शाहबाद की मशहूर हॉकी नर्सरी से आती हैं – भारत की सबसे मूल्यवान अटैकिंग खिलाड़ियों में से एक बन गईं।
अब नए ओलंपिक चक्र में नवनीत उप-कप्तान और सीनियर खिलाड़ी की भूमिका निभा रही हैं। इस नई जिम्मेदारी के साथ, उन्हें मैदान पर टीम के आक्रमण का बड़ा बोझ उठाना पड़ रहा है।
राजगीर में निर्णायक प्रदर्शन
रविवार को एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में, जब भारत और जापान के बीच मुकाबला 0-0 से फंसा हुआ था, नवनीत ने तीसरे क्वार्टर में शानदार गोल करते हुए भारतीय टीम को बढ़त दिलाई। जापानी डिफेंस को तोड़ने में उनकी चालाकी और फिनिशिंग शानदार रही। इसके बाद दीपिका ने चौथे क्वार्टर में दो और गोल दागकर भारत की जीत सुनिश्चित की।
भारतीय हॉकी को नवनीत से उम्मीदें
नवनीत कौर ने न केवल इस मैच में बल्कि पिछले कई मौकों पर भी दिखाया है कि वह टीम की अटैकिंग ताकत हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम से आगामी ओलंपिक में भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में जापान को हराकर शानदार प्रदर्शन किया। दीपिका, जो टूर्नामेंट में अब तक 10 गोल कर चुकी हैं, ने एक बार फिर अपनी फॉर्म का प्रदर्शन करते हुए दो शानदार ड्रैग फ्लिक गोल किए। हालाँकि, भारत की पेनल्टी कॉर्नर कन्वर्ज़न दर 9 में से सिर्फ 2 रही, लेकिन इसका श्रेय काफी हद तक जापान की गोलकीपर यू कुडो को जाता है, जिन्होंने कई बार भारतीय टीम को गोल करने से रोका।
मैच के stakes ज़्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन भारत को पहले स्थान पर रहने के लिए सिर्फ हार टालनी थी। जापान पहले ही सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर चुका था, लेकिन टीम शायद ड्रॉ के जरिए तीसरे स्थान पर आने की कोशिश में थी ताकि भारत के खिलाफ सेमीफाइनल से बच सके।
ऐसे माहौल में, जब मैच का शुरुआती हिस्सा थोड़ा धीमा था, नवनीत कौर ने तीसरे क्वार्टर में बढ़त दिलाने वाला गोल कर भारतीय टीम का मनोबल बढ़ाया। उनकी फिनिशिंग और खेल पर पकड़ ने साबित कर दिया कि वह टीम के लिए कितनी महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।
दीपिका ने चौथे क्वार्टर में दो और गोल दागे और अपने प्रदर्शन से यह साबित किया कि वह इस टूर्नामेंट में बेहतरीन फॉर्म में हैं। उनका गोल स्कोरिंग रिकॉर्ड इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम के लिए एक महत्वपूर्ण ताकत साबित हो रहा है।
भारत ने जापान को हराकर टेबल टॉप किया और अब सेमीफाइनल के लिए मजबूत स्थिति में है। नवनीत और दीपिका जैसे खिलाड़ियों के प्रदर्शन से उम्मीद है कि भारत आगे भी ऐसे ही दमदार खेल दिखाएगा।
यह भी पढ़ें : मिनिरत्न पीएसयू मोइल के शेयरों में 24% तक की बढ़ोतरी, एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग द्वारा लक्ष्य मूल्य यहां दिया गया हैभारतीय महिला हॉकी टीम ने जापान के खिलाफ एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार खेल दिखाया, खासकर दूसरे हाफ में। हालांकि, चीन के खिलाफ खेले गए तनावपूर्ण मुकाबले के 24 घंटे बाद भारतीय टीम शुरुआती हाफ में अपनी लय में नहीं दिखी। जापान ने पहले दो क्वार्टर में ज्यादा आक्रामकता नहीं दिखाई, यहां तक कि दूसरे क्वार्टर के बीच तक उनकी सर्कल एंट्री भी नहीं हुई थी।
भारत के लिए शुरुआती क्वार्टर मुश्किल भरे थे, क्योंकि जापान की गोलकीपर यू कुडो ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। एक पेनल्टी कॉर्नर के दौरान कुडो ने 10 सेकंड के अंदर नवनीत कौर, सुषिला चानू और संगीता कुमारी के शॉट्स को रोकते हुए एक ट्रिपल-सेव कर टीम की उम्मीदें कायम रखीं।
हाफ टाइम के बाद भारतीय टीम ने अपना रुख बदला। पासिंग तेज हुई, और अटैक अधिक आक्रामक और सीधा हो गया। नवनीत कौर ने जापान के डिफेंस पर लगातार दबाव बनाया। ब्रेकथ्रू से पहले, उन्होंने अपने ड्रीबलिंग और डिफेंडर्स को चकमा देने की क्षमता का प्रदर्शन किया। उनके बचपन के कोच बलदेव सिंह ने उन्हें हमेशा इस कला में माहिर बताया है।
नवनीत ने जापान के डिफेंस को तोड़ते हुए एक फ्री हिट अर्जित की। लालरेमसिआमी ने यह फ्री हिट लेते हुए नवनीत को पास दिया। नवनीत ने सर्कल में एक सेमी-सर्कुलर रन बनाते हुए दमदार टॉमहॉक शॉट मारा, जो सीधे जापान के डिफेंस और कुडो को पार कर गया। यह गोल भारतीय टीम के लिए निर्णायक साबित हुआ।
इस जीत के साथ भारत ने अपनी फॉर्म को बरकरार रखा है। नवनीत और दीपिका जैसे खिलाड़ियों का प्रदर्शन दर्शाता है कि टीम न केवल सेमीफाइनल के लिए बल्कि फाइनल तक पहुंचने के लिए भी तैयार है।
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