मुंबई, 24 फरवरी 2025: एनटीपीसी लिमिटेड और वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) ने मौदा स्टेज-I, यूनिट-2 के लिए ईंधन आपूर्ति समझौते (FSA) में संशोधन किया। यह समझौता एनटीपीसी मौदा परियोजना को कोलारपिंपरी कॉस्ट-प्लस कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, जिससे बिजली उत्पादन के लिए उच्च गुणवत्ता वाला और स्थायी ईंधन उपलब्ध होगा।
यह संशोधन एनटीपीसी के पश्चिमी क्षेत्र-I मुख्यालय, मुंबई में हुआ, जहां एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (पश्चिम-I) श्री कमलेश सोनी और डब्ल्यूसीएल के महाप्रबंधक (परियोजना एवं योजना) श्री राकेश प्रसाद ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर एनटीपीसी कॉर्पोरेट, एनटीपीसी WR-I मुख्यालय और डब्ल्यूसीएल के अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस संशोधन की आवश्यकता कोलारपिंपरी खदान में फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (FMC) परियोजना के जुड़ने और खदान के विस्तार के लिए संशोधित परियोजना रिपोर्ट (PR) की स्वीकृति के कारण पड़ी।
यह भी पढ़ें : अमेरिका ने रूस का साथ दिया, यूक्रेन पर हमले की निंदा प्रस्ताव के खिलाफ वोटइस मौके पर श्री कमलेश सोनी ने कहा, "यह संशोधन एनटीपीसी मौदा की ईंधन सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी के जरिए कोयला परिवहन अधिक कुशल होगा, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा और एनटीपीसी की टिकाऊ और किफायती बिजली उत्पादन की प्रतिबद्धता और मजबूत होगी।"
यह भी पढ़ें : नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए APGCL OIL ग्रीन पावर लिमिटेड गठितश्री राकेश प्रसाद ने कहा, "कोलारपिंपरी खदान से बढ़ी हुई कोयला आपूर्ति और फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजना के माध्यम से परिवहन व्यवस्था बेहतर होगी, जिससे परिचालन दक्षता में वृद्धि होगी। डब्ल्यूसीएल और एनटीपीसी के बीच यह सहयोग देश की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा।"
इस संशोधन के बाद एनटीपीसी को कोयले की बेहतर उपलब्धता और आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता का लाभ मिलेगा, जिससे देश को सस्ती और विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराने के अपने मिशन को और मजबूती मिलेगी।
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