भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज (25 जनवरी, 2025) नई दिल्ली में 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने चुनावों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में अनुकरणीय प्रदर्शन करने वाले राज्य और जिला अधिकारियों को सर्वश्रेष्ठ चुनावी व्यवहार पुरस्कार प्रदान किए।
उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार से “इंडिया वोट्स 2024: ए सागा ऑफ डेमोक्रेसी” पुस्तक की पहली प्रति भी प्राप्त की।
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि हमारा लोकतंत्र न केवल दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र है, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा, विविध, युवा, समावेशी और संवेदनशील लोकतंत्र भी है।
उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र आधुनिक दुनिया के लिए एक अनूठा उदाहरण है। दुनिया के कई देश हमारी चुनाव प्रणाली और प्रबंधन से सीख रहे हैं।
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राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे समावेशी लोकतंत्र की प्रभावशाली झलक चुनावों में दिखाई देती है। चुनावों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी हमारे समाज और देश के समग्र विकास का महत्वपूर्ण संकेत है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मतदाताओं, दिव्यांग मतदाताओं और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह चुनाव आयोग ने समावेशी और संवेदनशील चुनाव प्रबंधन का अच्छा उदाहरण पेश किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि मतदान से जुड़े आदर्श और दायित्व हमारे लोकतंत्र के मुख्य आयाम हैं।
चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता शपथ सभी नागरिकों का मार्गदर्शन कर सकती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में पूर्ण आस्था के साथ-साथ मतदाताओं को यह दृढ़ संकल्प भी रखना चाहिए कि वे सभी प्रकार की संकीर्णता, भेदभाव और प्रलोभन से ऊपर उठकर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि जागरूक मतदाता हमारे लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं।
वर्ष 2011 से, भारत के चुनाव आयोग के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 25 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य मतदाता की केंद्रीयता को रेखांकित करना, नागरिकों में चुनावी जागरूकता बढ़ाना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रेरित करना है।
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