भारत के राष्ट्रपति ने मंगलगिरी स्थित एम्स के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

Tue , 17 Dec 2024, 10:33 am UTC
भारत के राष्ट्रपति ने मंगलगिरी स्थित एम्स के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज (17 दिसंबर, 2024) एम्स, मंगलागिरी, आंध्र प्रदेश के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लिया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी उच्च शिक्षा संस्थान का प्रारंभिक बैच उस संस्थान की पहचान बनाता है। उन्होंने पहले बैच के एमबीबीएस स्नातकों से कहा कि वे चिकित्सा जगत, समाज, देश और विदेश में एम्स, मंगलगिरी के पहले ब्रांड एंबेसडर हैं।

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राष्ट्रपति ने डॉक्टरों से कहा कि चिकित्सा पेशे को चुनकर उन्होंने मानवता की सेवा का मार्ग चुना है। उन्होंने डॉक्टरों को सफलता और सम्मान पाने के लिए तीन सामान्य बातों पर ध्यान देने की सलाह दी - सेवा अभिविन्यास, सीखने का अभिविन्यास और अनुसंधान अभिविन्यास। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें प्रसिद्धि और धन के बीच चयन करना पड़े तो उन्हें प्रसिद्धि को प्राथमिकता देनी चाहिए।

 

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय डॉक्टरों ने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत के दम पर दुनिया के विकसित देशों में अग्रणी स्थान हासिल किया है। यहां उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए दूसरे देशों से लोग भारत आते हैं। भारत विश्व मंच पर किफायती चिकित्सा पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है और इस विकास में डॉक्टरों की प्रमुख भूमिका है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी परंपरा में दीर्घायु और रोग मुक्त और स्वस्थ रहने के लिए प्रार्थना की जाती है।

उन्होंने कहा कि जीवन और स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यह दृष्टिकोण समग्र स्वास्थ्य पर केंद्रित है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि एम्स, मंगलगिरी का आदर्श वाक्य 'सकल स्वास्थ्य सर्वदा' समग्र स्वास्थ्य देखभाल और सभी के लिए स्वास्थ्य देखभाल के आदर्शों से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और सभी के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करना इस संस्थान के प्रत्येक चिकित्सा पेशेवर का मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए।

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राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान को समय और परिस्थितियों के अनुसार नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए नए समाधानों की आवश्यकता होती है। मंगलगिरी स्थित एम्स की साइटोजेनेटिक्स प्रयोगशाला इसी दिशा में एक प्रयास है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह संस्थान इस प्रयोगशाला का उपयोग करके नए शोध और उपचार विकसित करेगा।

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