भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज (11 मार्च, 2025) बठिंडा में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह छात्रों के जीवन में एक चरण के पूरा होने और दूसरे चरण की शुरुआत का अवसर है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी छात्र अपने आचरण और योगदान के माध्यम से इस विश्वविद्यालय, अपने परिवारों और देश का नाम रोशन करेंगे।
राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को पांच अच्छी बातों को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह दी। ये हैं जिज्ञासा, मौलिकता, नैतिकता, दूरदर्शिता और सहजता। राष्ट्रपति ने कहा कि जिज्ञासा व्यक्ति को नई जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुक रखती है। जिज्ञासु व्यक्ति जीवन भर नई चीजें सीखते रहते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी विषय को अच्छी तरह से समझने के बाद, उस विषय या किसी अन्य क्षेत्र में कुछ नया करने का प्रयास करना चाहिए। मौलिकता एक विशिष्ट पहचान देती है।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि नैतिकता एक सार्थक जीवन की नींव है। एक अच्छा इंसान बनना एक सफल व्यक्ति होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने निजी जीवन या कार्य में जो भी अवसर चुनें, वह तात्कालिक लाभ के आधार पर नहीं, बल्कि अपनी क्षमताओं और रुचियों का स्थायी रूप से उपयोग करने की संभावना पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहजता एक मूल्यवान गुण है। इसके कई आयाम हैं। दिखावे या दिखावे से बचना इसका एक आयाम है। शब्दों और कार्यों में एकरूपता सहजता का दूसरा आयाम है। अपनी जड़ों से जुड़े रहना भी सहजता का एक बहुत महत्वपूर्ण आयाम है।
यह भी पढ़ें : रुचिर अग्रवाल को निदेशक (वित्त) के रूप में बोर्ड का प्रभारी नियुक्त किया गयाराष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के छात्र अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका शिक्षण समुदाय भी भारत की विविधता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अखिल भारतीय प्रतिनिधित्व इस विश्वविद्यालय की एक सराहनीय विशेषता है। ऐसे संस्थान हमारे देश की जीवंत संस्कृति के प्रतिनिधि हैं।
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