भारत की राष्ट्रपति ने भूमि सम्मान 2023 प्रदान किए; पढ़िए पूरी ख़बर
Psu Express Desk
Tue , 18 Jul 2023, 4:59 pm
भारत की राष्ट्रपति ने भूमि सम्मान 2023 प्रदान किए
नई दिल्ली: भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार,18 जुलाई, 2023 को नई दिल्ली में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में "भूमि सम्मान" 2023 प्रदान किए। पुरस्कार राज्य सचिवों और जिला कलेक्टरों ने अपनी उन टीमों के साथ प्राप्त किए जिन्होंने डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के प्रमुख भागों की परिपूर्णता हासिल करने में उत्कृष्टता दिखाई है।
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इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए ग्रामीण विकास में तेजी लाना आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण एक बुनियादी आवश्यकता है क्योंकि अधिकांश ग्रामीण आबादी की आजीविका भूमि संसाधनों पर निर्भर है। ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए एक व्यापक एकीकृत भूमि प्रबंधन प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटलीकरण से पारदर्शिता बढ़ती है। भू-अभिलेखों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण से देश के विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण और विभिन्न सरकारी विभागों के साथ इसके जुड़ाव से कल्याणकारी योजनाओं के उचित कार्यान्वयन में मदद मिलेगी। बाढ़ और आग जैसी आपदाओं के कारण दस्तावेजों के नुकसान की स्थिति में भी यह बहुत मददगार होगा।
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राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि डिजिटल इंडिया भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली के तहत, एक विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या प्रदान की जा रही है जो आधार कार्ड की तरह उपयोगी हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह संख्या भूमि के समुचित उपयोग के साथ-साथ नई कल्याणकारी योजनाओं को बनाने और लागू करने में मदद करेगी। ई-कोर्ट को भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण डेटा-बेस से जोड़ने से कई लाभ होंगे। डिजिटलीकरण से जो पारदर्शिता आ रही है उससे जमीन संबंधी अनैतिक और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भूमि संबंधी जानकारी मुफ्त और सुविधाजनक तरीके से मिलने से कई फायदे होंगे। उदाहरण के लिए, इससे भूमि के स्वामित्व और उपयोग से संबंधित विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश की एक बड़ी आबादी जमीन से जुड़े विवादों में उलझी हुई है और इन मामलों में प्रशासन और न्यायपालिका का काफी समय बर्बाद होता है। डिजिटलीकरण और सूचना के जुड़ाव के माध्यम से, लोगों और संस्थानों की ऊर्जा, जो विवादों को सुलझाने में खर्च होती है, का उपयोग विकास के लिए किया जाएगा।
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