मंगलवार को संसद को बताया गया कि 30 सितंबर तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 3.16 लाख करोड़ रुपये थीं, जो बकाया ऋणों का 3.09 प्रतिशत है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर, 2024 तक PSB और निजी क्षेत्र के बैंकों का सकल NPA क्रमशः 3,16,331 करोड़ रुपये और 1,34,339 करोड़ रुपये था।
इसके अलावा, बकाया ऋण के प्रतिशत के रूप में सकल NPA सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 3.09 प्रतिशत और निजी क्षेत्र के बैंकों में 1.86 प्रतिशत था।
चौधरी ने आगे कहा कि 31 मार्च, 2024 तक, 580 अद्वितीय उधारकर्ताओं (व्यक्तिगत और विदेशी उधारकर्ताओं को छोड़कर), जिनमें से प्रत्येक का ऋण बकाया 50 करोड़ रुपये से अधिक है, को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा विलफुल डिफॉल्टर के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
यह भी पढ़ें : कॉनकोर के सीएमडी श्री संजय स्वरूप ने ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड का दौरा, साझेदारी को मजबूत करने पर दिया जोरदिवाला एवं दिवालियापन संहिता के तहत निपटाए गए मामलों की संख्या और बैंकों द्वारा काटे गए कटौतियों की राशि के बारे में पूछे गए सवाल पर चौधरी ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार 30 सितंबर, 2024 तक 1,068 कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रियाओं में समाधान योजनाओं को मंजूरी दी गई है।इन समाधानों से बैंकों सहित लेनदारों को 3.55 लाख करोड़ रुपये की वसूली हुई।
इसके अलावा, इन मामलों में बैंकों सहित लेनदारों का कुल दावा 11.45 लाख करोड़ रुपये था, जबकि कुल परिसमापन मूल्य 2.21 लाख करोड़ रुपये था
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