पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार पनडुब्बी को कठोर परीक्षण और परीक्षणों के बाद सौंप दिया गया, जिससे पनडुब्बी निर्माण में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।
पनडुब्बी वाघशीर में ध्वनिक साइलेंसिंग और अनुकूलित हाइड्रोडायनामिक आकार सहित उन्नत स्टील्थ विशेषताएं हैं, जो टॉरपीडो और एंटी-शिप मिसाइलों को लॉन्च करने में सक्षम हैं।
यह नौसेना युद्ध क्षमताओं में एक परिवर्तनकारी बदलाव का वादा करता है, जो भारतीय नौसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एमडीएल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त, वाघशीर में एयर कंडीशनिंग प्लांट और आंतरिक संचार प्रणाली जैसी स्वदेशी रूप से विकसित प्रणालियाँ हैं, जो रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाती हैं।
स्कॉर्पीन परियोजना की प्रगति को रक्षा उत्पादन विभाग और भारतीय नौसेना द्वारा समर्थित किया गया, जो रक्षा निर्माण में सहयोगी प्रयासों को उजागर करता है
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