सरकार KIOCL और NMDC के बीच विलय पर विचार कर रही है, ताकि KIOCL को होने वाले वित्तीय घाटे को कम करने के लिए रणनीतिक कदम उठाया जा सके।
केंद्रीय इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस घटनाक्रम का खुलासा किया, जहां उन्होंने 11,440 करोड़ रुपये की लागत वाली राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के पुनरुद्धार की योजनाओं पर चर्चा की।
इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एक प्रमुख कंपनी KIOCL, कर्नाटक के मंगलुरु में पिग आयरन ब्लास्ट फर्नेस इकाई के साथ-साथ 3.5 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता का आयरन-ऑक्साइड पेलेट प्लांट संचालित करती है।
कर्नाटक राज्य सरकार से सहयोग की कमी के कारण स्थिति प्रभावित हुई है। इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली NMDC भारत की लौह अयस्क की 20 प्रतिशत मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विलय पर विचार का उद्देश्य परिचालन दक्षता को बढ़ाना और KIOCL के सामने आने वाली वित्तीय चुनौतियों का समाधान करना है।
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