इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने 24 मार्च 2025 को अपने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) को सफलतापूर्वक पूरा करने की घोषणा की। इस प्रक्रिया के तहत बैंक ने 35.41 करोड़ इक्विटी शेयर बेचकर कुल ₹1,436 करोड़ जुटाए हैं। बैंक ने शुरू में ₹2,000 करोड़ तक की राशि जुटाने के लिए शेयर बिक्री को मंजूरी दी थी।
शेयर बिक्री की कीमत ₹40.57 प्रति शेयर तय की गई, जो QIP के फ्लोर प्राइस ₹42.7 से 5% कम और सोमवार के समापन मूल्य ₹44.54 से 9% कम है। इस QIP में सबसे अधिक निवेश एलआईसी और उससे जुड़े फंड्स ने किया, जबकि एसबीआई म्यूचुअल फंड से जुड़े फंड्स को भी हिस्सेदारी मिली। हालांकि, किसी भी प्रमुख विदेशी फंड हाउस को 5% से अधिक हिस्सेदारी नहीं दी गई।
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इंडियन ओवरसीज बैंक उन पांच सरकारी बैंकों में शामिल है, जिन्हें अपने सरकारी स्वामित्व को घटाकर न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (MPS) मानकों का पालन करना है। दिसंबर तिमाही के अंत तक, सरकार की हिस्सेदारी बैंक में 96.38% थी। इस QIP के जरिए बैंक की कुल इक्विटी में 1.87% की गिरावट आ सकती है।
अन्य सरकारी बैंकों जैसे यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक ने भी इसी तरह की शेयर बिक्री शुरू की है, क्योंकि इन सभी में सरकारी स्वामित्व 90% से अधिक है। सोमवार को इंडियन ओवरसीज बैंक के शेयर 2.25% की बढ़त के साथ ₹44.54 पर बंद हुए, हालांकि यह अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर ₹75.55 से 41% नीचे है।
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