शुक्रवार को अडानी के शेयरों पर सबकी नज़र रहेगी, क्योंकि ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि भारतीय बैंक इस समूह में अपने निवेश का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं। यह अमेरिकी अभियोजकों द्वारा चेयरमैन गौतम अडानी और अन्य के खिलाफ़ रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद हुआ है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सहित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक इस समीक्षा में सबसे आगे हैं, जबकि आईसीआईसीआई बैंक, केनरा बैंक, आईडीबीआई बैंक और आरबीएल बैंक जैसे निजी ऋणदाता भी इसमें शामिल हैं।
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यह भी पढ़ें : ओएनजीसी के प्रतिष्ठित निदेशक संजय भट्ट ने दी सेवा निवृत्तिसमीक्षा से यह जरूरी नहीं है कि समूह के संबंध में ऋणदाताओं के ऋण दृष्टिकोण में कोई बदलाव हो। इस घटनाक्रम से अवगत एक विनियामक स्रोत ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली के दृष्टिकोण से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस समय कोई भी इकाई समूह के प्रति अत्यधिक ऋणग्रस्त नहीं है। ब्रोकरेज फर्म आईआईएफएल सिक्योरिटीज के अनुसार, भारतीय बैंकों में एसबीआई का अडानी समूह के प्रति सबसे बड़ा ऋण है, जिसने 33,800 करोड़ रुपये (4 बिलियन डॉलर) के ऋण स्वीकृत किए हैं। सूत्रों ने कहा कि एसबीआई अडानी की उन परियोजनाओं को ऋण देना बंद नहीं करेगा, जो पूरी होने वाली हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि बैंक ऋण वितरित करते समय सावधानी बरतेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि समूह द्वारा सभी नियम और शर्तें पूरी की जा रही हैं।
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