भारत सरकार ने इस साल नवंबर तक 4.22 लाख करोड़ रुपये के रक्षा अधिग्रहण को मंजूरी दी है, जिसमें प्रमुख लाभार्थी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड सहित घरेलू कंपनियां हैं।
रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी साल के अंत की समीक्षा रिपोर्ट में कहा, "रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) और रक्षा खरीद बोर्ड (डीपीबी) ने 2024 (नवंबर तक) के दौरान 4,22,129.55 करोड़ रुपये की राशि के 40 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की है।"
इसमें कहा गया है कि इनमें से 3.97 लाख करोड़ रुपये या कुल परिव्यय का 94% स्वदेशी स्रोतों से खरीदे जाने के लिए दिए गए हैं। इन ऑर्डर में वायु रक्षा प्रणाली और रडार, तेज गश्ती पोत, हेलीकॉप्टर, विमान, नेविगेशन सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट आदि शामिल हैं।
यह भी पढ़ें : अडानी ग्रुप से बड़े ऑर्डर के साथ डिफेंस पीएसयू स्टॉक 5% अपर सर्किट पर पहुंचा, 1:2 स्टॉक स्प्लिटवित्त वर्ष 2024 के लिए केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय को 6.22 लाख करोड़ रुपये का परिव्यय प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5% अधिक है। कुल पूंजी खरीद बजट में से 75% घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया गया है।
सरकार ने स्थानीय तकनीकी आधारों को आगे बढ़ाने, महंगे आयात को कम करने और विदेशी शक्तियों पर निर्भरता कम करने के लिए रक्षा स्वदेशीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है।
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