वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव श्री अमरदीप सिंह भाटिया ने आज "भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को सक्षम बनाना" शीर्षक से एक अध्ययन जारी किया। यह अध्ययन DPIIT द्वारा इंडो-जर्मन विकास सहयोग परियोजना, "भारत में जलवायु अनुकूल ग्रीन फ्रेट ट्रांसपोर्ट (ग्रीन फ्रेट प्रोजेक्ट)" के तहत ड्यूश गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनेल ज़ुसामेनारबीट (GIZ) GmbH के सहयोग से तैयार किया गया है।
अध्ययन में भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि और रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया है। अध्ययन भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी की वर्तमान स्थिति का आकलन करता है, उनके समावेश में बाधा डालने वाली प्रमुख चुनौतियों का विश्लेषण करता है, और तेजी से बढ़ते लॉजिस्टिक्स उद्योग में लैंगिक विविधता को बढ़ाने के लिए नीतिगत उपायों की सिफारिश करता है, जिसके 2025 तक 380 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
यह भी पढ़ें : टाटा टियागो ईवी, पंच ईवी, कर्व ईवी, नेक्सन ईवी पर ₹1 लाख तक का लाभ। जानिए आप कितना बचा सकते हैंविमोचन समारोह में बोलते हुए, श्री अमरदीप सिंह भाटिया ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए सरकार के दृष्टिकोण के संदर्भ में अध्ययन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में, जैसे-जैसे हम विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं, एक चीज जो देश को आगे ले जाएगी, वह है महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास। लॉजिस्टिक्स जैसे उच्च विकास वाले क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना न केवल समानता का मामला है, बल्कि एक आर्थिक आवश्यकता भी है।"
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