आरईसी ने राजस्थान सरकार के साथ 3 लाख करोड़ रुपये के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
Psu Express Desk
Tue , 01 Oct 2024, 6:44 pm
आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत महारत्न सीपीएसयू और प्रमुख एनबीएफसी, ने आज राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर्स मीट के दौरान राजस्थान सरकार, वित्त विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन के अनुसार, आरईसी तक छह वर्षों की अवधि के लिए विद्युत और गैर-विद्युत अवसंरचना में परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए सालाना 50,000 करोड़ रुपये (20,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर) प्रदान करेगा, यानी समझौता ज्ञापन का कुल मूल्य 3.00 लाख करोड़ रुपये है।
इस समझौता ज्ञापन पर राजस्थान सरकार के माननीय मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा, राजस्थान सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर, राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान आरईसी के कार्यकारी निदेशक (पीएमडी एवं पी एंड एल) श्री राहुल द्विवेदी तथा राजस्थान सरकार के सचिव श्री देबाशीष प्रुस्ती द्वारा किया गया।
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10 मार्च 2024 को जयपुर में आरईसी और राजस्थान सरकार के बीच 2030 तक सालाना 20,000 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। आज का समझौता ज्ञापन उसी का अद्यतन है। इस एमओयू के साथ, राजस्थान में राज्य के बुनियादी ढांचे क्षेत्र से संबंधित परियोजनाओं में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है, जैसे कि बिजली परियोजनाएं, मेट्रो, सड़क और राजमार्ग, हवाई अड्डे, आईटी बुनियादी ढांचा, तेल रिफाइनरी, स्टील बुनियादी ढांचा, बंदरगाह और जलमार्ग, फाइबर ऑप्टिक्स, दूरसंचार, स्वास्थ्य क्षेत्र, पर्यटन बुनियादी ढांचा, कृषि और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाएं।
यह सहयोग राजस्थान में बिजली और गैर-बिजली बुनियादी ढांचे के विकास का समर्थन करने के लिए आरईसी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिससे राज्य की आर्थिक वृद्धि और समृद्धि में योगदान मिलता है।
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आरईसी लिमिटेड के बारे में- आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक महारत्न कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत- अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।
आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 30 जून, 2024 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका ₹ 5.30 लाख करोड़ और नेटवर्थ ₹ 72,351 करोड़ है।
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