नई दिल्ली: पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत राज्य की बिजली उपयोगिताओं को 26,800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह धनराशि मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (एमपीपीजीसीएल), मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (एमपीपीटीसीएल) और एमपी डिस्कॉम जैसी संस्थाओं के लिए पूंजीगत व्यय परियोजनाओं का समर्थन करेगी।
वित्तीय सहायता महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की ओर निर्देशित की जाएगी, जिसमें नई सुपरक्रिटिकल थर्मल इकाइयों का विकास, सौर ऊर्जा संयंत्र, जलविद्युत स्टेशनों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण, बिजली निकासी नेटवर्क, स्मार्ट मीटरिंग और रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत नुकसान कम करने की पहल शामिल हैं, जिससे राज्य और राष्ट्र दोनों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
यह भी पढ़ें : ग्रिडकॉन 2025 विद्युत शिखर सम्मेलन में 150 प्रदर्शनी कंपनियां, 30 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगेइस समझौता ज्ञापन पर मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में भोपाल में हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) श्री नीरज मंडलोई, आईएएस, एमपीपीएमसीएल के प्रबंध निदेशक श्री अविनाश लवानिया, आईएएस और पीएफसी के कार्यकारी निदेशक (परियोजनाएं) श्री आर.के. चतुर्वेदी के साथ एमपीपीएमसीएल और पीएफसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह साझेदारी भारत के ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग करने और देश को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में योगदान देने के लिए पीएफसी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
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