भारत-थाईलैंड कॉर्डिनेटेड पैट्रॉल (कॉर्पेट) का अंडमान सागर में 35वें संस्करण का किया गया आयोजन

Thu , 11 May 2023, 2:36 pm
भारत-थाईलैंड कॉर्डिनेटेड पैट्रॉल (कॉर्पेट) का अंडमान सागर में 35वें संस्करण का किया गया आयोजन
भारत-थाईलैंड कॉर्डिनेटेड पैट्रॉल (कॉर्पेट) का अंडमान सागर में 35वें संस्करण का आयोजन

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच भारत-थाईलैंड कॉर्डिनेटेड पैट्रॉल (इंडो-थाई कॉर्पेट) के 35वें संस्करण का 03 मई से 10 मई 2023 तक आयोजन किया गया। जिसमे भारतीय नौसेना जहाज़ (आईएनएस) केसरी, एक स्वदेश निर्मित एलएसटी और थाई मैजेस्टी के जहाज़ (एचटीएमएस) सैबुरी, एक चाओ फ्राया क्लास फ्रिगेट, और दोनों नौसेनाओं के समुद्री गश्ती विमानों ने अंडमान सागर में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पर कॉर्पेट में भाग लिया।

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साल 2005 से दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत करने की दिशा में और हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए सुरक्षित और संरक्षित रखने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर द्वि-वार्षिक कॉर्पेट अभ्यास का आयोजन कर रही है। कॉर्पेट नौसेनाओं के बीच समझ और अंतर-क्षमता का निर्माण करता है और गैर-कानूनी गैर-नियमित एवं अनियमित (आईयूयू) तरीके से मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, चोरी और सशस्त्र डकैती जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने और दबाने के लिए उपाय प्रदान करता है। यह तस्करी और अवैध आप्रवासन की रोकथाम और समुद्र में खोज और बचाव (एसएआर) अभियानों के संचालन के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान करके परिचालन तालमेल को बढ़ाने में मदद करता है।

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भारत सरकार के सागर क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण के तहत, भारतीय नौसेना क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र के विभिन देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है। यह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास, समन्वित गश्ती, संयुक्त ईईजेड निगरानी, ​​और मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन के माध्यम से हासिल किया गया है। भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच हमेशा करीबी और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जिसमें गतिविधियों और बातचीत का एक व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल है, जो पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुआ है।
 
35वां इंडो-थाई कॉर्पेट संचालनीयता को मजबूत करने और भारत और थाईलैंड के बीच दोस्ती के प्रगाढ़ बंधन को मजबूत बनाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों को आगे ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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