नई दिल्ली : भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच भारत-थाईलैंड कॉर्डिनेटेड पैट्रॉल (इंडो-थाई कॉर्पेट) के 35वें संस्करण का 03 मई से 10 मई 2023 तक आयोजन किया गया। जिसमे भारतीय नौसेना जहाज़ (आईएनएस) केसरी, एक स्वदेश निर्मित एलएसटी और थाई मैजेस्टी के जहाज़ (एचटीएमएस) सैबुरी, एक चाओ फ्राया क्लास फ्रिगेट, और दोनों नौसेनाओं के समुद्री गश्ती विमानों ने अंडमान सागर में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पर कॉर्पेट में भाग लिया।
यह भी पढ़ें : मध्य रेलवे से सबसे कम बोली लगाने वाले के रूप में उभरने के बाद आरवीएनएल के शेयरों में फिर से उछाल आ सकता हैसाल 2005 से दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत करने की दिशा में और हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए सुरक्षित और संरक्षित रखने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर द्वि-वार्षिक कॉर्पेट अभ्यास का आयोजन कर रही है। कॉर्पेट नौसेनाओं के बीच समझ और अंतर-क्षमता का निर्माण करता है और गैर-कानूनी गैर-नियमित एवं अनियमित (आईयूयू) तरीके से मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, चोरी और सशस्त्र डकैती जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने और दबाने के लिए उपाय प्रदान करता है। यह तस्करी और अवैध आप्रवासन की रोकथाम और समुद्र में खोज और बचाव (एसएआर) अभियानों के संचालन के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान करके परिचालन तालमेल को बढ़ाने में मदद करता है।
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