8वें वेतन आयोग के तहत संशोधित वेतन और पेंशन
मोदी सरकार ने आधिकारिक रूप से 8वें वेतन आयोग की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य लगभग 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के वेतन और पेंशन में संशोधन करना है। यह फैसला उन सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो लंबे समय से वेतन वृद्धि का इंतजार कर रहे थे।
स्वीकृति और समयसीमा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग की स्थापना को मंजूरी दे दी है। 1947 से अब तक सात वेतन आयोग बन चुके हैं, जिनमें से 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था। मौजूदा आयोग की सिफारिशें संभवतः 2026 के बाद लागू होंगी, जिससे आकलन और योजना बनाने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा। सरकार जल्द ही नए पैनल में एक अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति करेगी, जो वेतन संरचना में बदलावों की समीक्षा और सिफ़ारिश करेंगे। आयोग के पास अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए लगभग 11 महीने का समय होगा।
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फिटमेंट फैक्टर
फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण गुणक है जो सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और पेंशन वृद्धि निर्धारित करता है। 7वें वेतन आयोग में, फिटमेंट फैक्टर 2.57 पर सेट किया गया था, जिसने न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 प्रति माह कर दिया। न्यूनतम पेंशन ₹3,500 से बढ़ाकर ₹9,000 कर दी गई।
8वें वेतन आयोग के संभावित प्रभाव
नया पैनल एक उच्च फिटमेंट फैक्टर प्रस्तावित कर सकता है, जो वेतन और पेंशन स्केल को प्रभावित करेगा। हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नया वेतन मैट्रिक्स 1.92 या उससे अधिक फिटमेंट फैक्टर पर आधारित हो सकता है।
आखिरी फिटमेंट फैक्टर आर्थिक स्थिति और आयोग की सिफारिशों पर निर्भर करेगा।
7वें वेतन आयोग के तहत:
हालांकि सटीक आंकड़े अभी तय नहीं हुए हैं, कर्मचारियों और पेंशनधारकों को फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वेतन और पेंशन में बड़ी वृद्धि की उम्मीद है। केंद्रीय कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने सकारात्मक फिटमेंट फैक्टर मिलने की उम्मीद जताई है, जिससे वेतन और पेंशन में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।
8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाला है। फिटमेंट फैक्टर इन संशोधनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जबकि कर्मचारी यूनियनों की उम्मीदें ऊंची हैं, आयोग की अंतिम सिफारिशें और सरकारी मंजूरी वेतन और पेंशन पर वास्तविक प्रभाव तय करेंगी।
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