कार्यक्रम का उद्देश्य था कि श्रीलंका सहित कर्जदार देशों के सम्बंध में ऋण की पुनर्रचना प्रक्रिया के बारे में बहुपक्षीय सहयोग सामने लाया जाए। कार्यक्रम में मंत्रियों ने श्रीलंका की ऋण पुनर्रचना वार्तालाप प्रक्रिया को शुरू करने की घोषणा की और इसके तीन सह-अध्यक्ष हैं: भारत, जापान और फ्रांस, जो श्रीलंका में ऋण पुनर्रचना के समन्वय का नेतृत्व करेंगे।
यह भी पढ़ें : अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1337 रेलवे स्टेशनों का होगा विकासकेंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने मौजूदा आर्थिक संकट का सामना करने में श्रीलंका के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। श्रीमती सीतारमण ने बैठक के दौरान कहा कि ऋणदाताओं के बीच सहयोग होना चाहिए क्योंकि यह ऋण पुनर्रचना के सम्बंध में सभी ऋणदाताओं के साथ होने वाली बातचीत में समानता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बहुत आवश्यक है।
यह भी पढ़ें : तेल, गैस CPSEs FY25 में लगातार पांचवे साल IEBR कैपेक्स को पार करने के लिए तैयार अंतरराष्ट्रीय ख़बरें